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ख्वाबों की मुलाकातों में साथ टहलना,
थोड़ा यूंही खुमारी में खुलकर चहक लेना!
अपना वक्त नि:स्वार्थ होकर देना,
ना होती चाहत बदले में कुछ लेना!
कुछ तो ऐसा जो इक पल को रूह ने रोका,
याद आते बड़े जिन्होंने भलाई के लिए टोका!
रहें सजग तो ना पनपे कभी ज़हन में धोखा,
सीखने मिलता रिश्तों से बहुत कुछ अनोखा!
अपने चरित्र को मज़बूती से जिसने भी जोड़ा,
अंधकार में उस व्यक्ति को प्रभु ने कभी ना छोड़ा!
सूझ-बूझकर फिक्र परिवार की जिसको हर दफा,
उसे ना भाए करना किसी को बेवजह खफा!
उसको होते प्रिय समाज हेतु सशक्त सपने,
ज़रूरी उसे अध्यन करना पारिवारिक मूल्य अपने!
ऐसे युवा होते विवेक और आत्मविश्वास के धनी,
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