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कर्तव्य पथ पर ऐ राही!
तुझको कदम बढ़ाने होंगे।
बोझिल ओझल व्यथित से वो
माना सफर पुराने होंगे।
नवल ताल लय छंद नवल धुन
नवल गीत तुझे गाने होंगे।
जो पाया, कर्मों की माया,
अप्राप्य जो, पाने होंगे।।
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