दो गज की दूरी's image
Poetry1 min read

दो गज की दूरी

digvijdigvij June 25, 2022
Share0 Bookmarks 49214 Reads0 Likes

दरवाजे खुले
यकायक आ गयी वो सामने
नज़रे मिली
मैं ठिठका
वो सहमी
मैं उठा
वो बैठ गयी
वो हंसी मास्क के अंदर से
मैं भी मुस्कुराया मास्क के अंदर से
उसने हाथ बढ़ाया
मैंने भी थामने को अपना

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts