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"चेहरे"
बड़ी आतुरता से वो मिला मुझे
खूब गर्मजोशी से उसने
मुझे गले से लगाया ।
मीठी-मीठी बातें बहुत
वो करता रहा फिर,
उस रंगीन पानी के तीन-चार घूंट पीने तक।
कितने चेहरों को छिपाये फिरते हैं
बशर
एक चेहरे के पीछे।
- फाल्गुनी रॉय
10 अक्टूबर 2019
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