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कर भी ले विश्वास अब, मत मुझसे यूँ कांप।
यारी नहि इंसान से, पाल रहा हूँ सांप।।
-विजय पोटर सिंघाड़िया
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यारी नहि इंसान से, पाल रहा हूँ सांप।।
-विजय पोटर सिंघाड़िया
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