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थारै माऊँ दिल, अय्यां आवै छै
ज्यां लोह्यो चुम्बक माऊँ जावै छै
थारी कणीया मारै लचको अय्यां
ज्यां नागिन धोरां मं बळ खावै छै
जद जद तू शर्मावै, लागै जाणै
झाऊँ मूषो खुद मं घुस जावै छै
कैयां लागै छै तू अतरी चौखी
यार असी काई दूध सु न्हावै छै?
हाँ कर दै,म्हारी भायेली बणजा
मौज करैगी तू, च्युं अतरावै छै
-विजय पोटर सिंघाड़ियां /vp_singhadiya
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