
वो सच जिसे परतों में छुपाया गया है,
कागज़ों का ढेरों में दबाया गया है,
झुठी गवाही से जिसे सुली चढ़ाया गया है,
और एक लाश सा जिसे जलाया गया है।
हां मैं सच हुं मैं तुम्हारा सच भी जानता हूं,
तुम चाहे लगा लो मुखौटा खुदा का,
तुम्हारे अंदर के शैतान को पहचानता हूं,
तुम गलत हो बुरे आदमी हो मैं सब जानता हूं।
हां मैं वो सच और मैं सबके सामने आ रहा हूं,
साथ अपने खुदा को भी कटघरे में ला रहा हूं,
जो छुपाया गया है उन फाइलों के नीचे,
मैं उस राज़ हां हर राज़ से पर्दा उठा रहा हूं।
वहां रक्खि हुई है मज़लुमों की अज़मत,
बुढ़े बापों की नन्ही बच्चीओं की इज़्ज़त,
सियासी लोगों पर लगी हुई है जो तोहमत,
तुमने हर ओर फैलाई हुई है जो वहशत।
मैं वो सभी के सभी जुर्म बाहर ला रहा हूं,
मुझे जलाया गया था मैं तुम्हें जला रहा हूं,
सूली चढ़ाया गया अब मैं सूली चढ़ा रहा हूं,
अब मैं तुम्हारे हर राज़ से पर्दा उठा रहा हूं।
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