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आया वक्त लौट फिर मेढ़क अब टर टरायेंगे,
अब फिर बनेगें पुल हवा में अब राम आएंगे,
खबरदार हो कर खबरी चैनलों पे छा जाएंगे,
समझदार जो हुए सब तो नेता कहाँ जाएंगे,
चली हवा फिर चुनावी कहीं हार न जायें वो,
धर्म, जाति, दंगे, वाले हथकंडे आजमाएंगे,
आया वक्त लौट फिर ......................
असरदार हो सरदार सब ओर लंगर चलाएंगे,
बेरोजगार जो थे वे अब कुछ तो काम पाएंगे,
महँगाई, भ्र्ष्टाचार सब जा रहे गंगा नहाने को,
सच में बड़े दिनों बाद वो कुछ पुण्य कमायेंगे
आया वक्त लौट फिर ......................
इकट्ठे होगें कचरे अब एक जगह ढेर बनायेगे,
भोर सबेरे कचरा गाड़ी से अभियान चलाएंगे,
आये थे अच्छे दिन बतलाने कि रात जगायेंगे,
पढ़े लिखे मत दो कहते निज सर्वस्व दे आएंगे,
आया वक्त लौट फिर ......................
सौर ऊर्जा से पाबंद हो वक्त पे चिराग जलाएंगे,
बड़े थे खजूर जो बेकाम के बड़प्पन दिखलायेंगे,
लाखों की फीस अदा कर बच्चे हजारों कमायेंगे,
क्या हुआ जो हो जायें अंधे भक्त तो कहलायेंगे,
आया वक्त लौट फिर ......................
उठाएगी सिर महामारी लोग घरों में छिप जाएंगे,
मुँह छिपाने का फरमान देके वे थाली पिटवायेंगे,
खुलेंगी मधुशालायें मंदिर में होगी ईश्वर को जेल,
शिक्षक माँगेगे भीख दुकानदार मुनाफा कमायेंगे,
आया वक्त लौट फिर...............
आया वक्त लौट फिर मेढ़क अब टर टरायेंगे,
अब फिर बनेगें पुल हवा में अब राम आएंगे,
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