
Share0 Bookmarks 35 Reads0 Likes
मैं वो शख्स हूं जिसे मर्द कहा जाता है,
वो मर्द जो सपने रफू करके चलाता है।
किश्तों के जद में खुद को भूल जाता है,
जीता है अपनों के लिए अपनों के लिए मर जाता है।
मैं वो शख्स हूं जिसे मर्द कहा जाता है।।
खुद की खुशियां भूल बस रिश्ते निभाता है,
गलत हो या न हो हमेशा झुक जाता है।
होली या दीवाली सबके साथ नज़र आता है,
अपनों की खुशी में जिसका ग़म छुप जाता है।
मैं वो शख्स हूं जिसे मर्द कहा जाता है।।।।
वो मर्द जो सपने रफू करके चलाता है।
किश्तों के जद में खुद को भूल जाता है,
जीता है अपनों के लिए अपनों के लिए मर जाता है।
मैं वो शख्स हूं जिसे मर्द कहा जाता है।।
खुद की खुशियां भूल बस रिश्ते निभाता है,
गलत हो या न हो हमेशा झुक जाता है।
होली या दीवाली सबके साथ नज़र आता है,
अपनों की खुशी में जिसका ग़म छुप जाता है।
मैं वो शख्स हूं जिसे मर्द कहा जाता है।।।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments