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मैंने इस दिल को एक कब्रगाह बनाया है
एक एक ख्वाब चुन चुन कर दफनाया हैं
यदा कदा निकल आते है मलबे लाशों के
वो आज फिर किसी से चुपचाप मिलकर आया है.
एक एक ख्वाब चुन चुन कर दफनाया हैं
यदा कदा निकल आते है मलबे लाशों के
वो आज फिर किसी से चुपचाप मिलकर आया है.
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