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मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता हूं
मैं तुम्हें एक अच्छा दोस्त बनाना चाहता हूं
मैं लिखकर या फोन पर नही तुम्हारे सामने बात करना चाहता हूं
मैं तुम्हें कभी खोना नहीं चाहता हूं
तुम्हारे आ जाने से खुदा भी खुद को अकेला पाया होगा
जिसने तुम्हें बनाया वह भी बड़ा मुस्कुराया होगा
आंखें तुम्हारे झील सी जिस में खो जाने का मन करता होगा
जैसे तुम, तुम ना हो तो घने बादल में बरसात ना होगा
याद हर पल हर रोज कभी-कभी आती है तुम्ह
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