
Share0 Bookmarks 18 Reads0 Likes
मैं अभी वहीं हूं मेरे ख्वाब अभी वही है
जाता हूं दूर, सपने से अपने
पर सपने अब भी वही है
भटकता हूं राह, मंजिल से अपने
पर मंजिल अब भी वही है
इश्क कर देता हूं कुर्बान, दिल के पन्नों से अपने
पर दिल अभी वही है
हार जाता हूं दुनिया, मन के हालात, परिस्थितियों से अपने
पर मन अभी वही है
टूट जाता हूं कभी, मैं दुष्कर्मों से अपने
पर मैं अभी वही हूं
विशाल हूं बनूंगा मिसाल, क्या हुआ जन्नत नहीं है नसीब में अपने
पर जन्नत अभी वही है
मैं विशु किंग हूं भले ठीक शायरी नहीं है अपने
पर मैं शायर अभी वहीं हूं
मैं अभी वहीं हूं
मेरे अधूरे ख्वाब अब भी वही हैं
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments