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तुमने इश्क फरमाया
लो जानम हम आ गए
तुमने आंसू बहाया
लो सनम गम छा गए
मदद ऐ खुदा करदा ये बंदा
लो जमी पे शिव आ गए
चरनो में पड़े धूल हटाना प्रिये
लो तुमने पुकारा और राम आ गए
नमस्तुते नमस्तुते नमस्तुते कविता का पाठ करो
लो मीरा बुलाई और शाम आ गए
कमल चरण पुष्प अर्पित "विशाल"
लो संख बजी सारे मोर आ गए
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