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मैं अभी वही हूँ, मैं अभी वही हूँ
दिन बदले साल बदले समय वही हैं
परिस्थतियां बदली हालात बदले जिंदगी वही हैं
मैं अभी वही हूँ, मैं अभी वही हूँ
याराना बदले यार बदले
मेरा प्यार वही हैं सपनो के लिए अपनो से दूर रहा लेकिन अपने वही हैं
मैं अभी वही हूँ, मैं अभी वही ।
क्या करूँ इंसान हूँ कभी कभी इंसान किया आकोश में बंध जाता हूँ करना चाहता हूँ अपने दिल की लेकिन उस मन की बात सुन ना पाता हूँ,
क्या करूँ इंसान हूँ कभी कभी इंसान की आकोश में बंध जाता हूँ,
पाना तो चाहता हूँ अपनी मंजिल को, लेकिन उस सपने को पूरा ना कर पाता हूँ, राहों में आते सब कंकड़ बनकर उन कंकड से डर जाता हूँ,
क्या करूँ इंसान हूँ कभी कभी इंसान की आकोश में बंध जाता हूँ ।।
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