
दिल्ली में क्या देखा...!
एक बात है,
जो बताना चाहता हूं,
कुछ जुगुप्सा, कुछ विरह,
और हर्ष से वेदना का मुखर स्वर,
हर दिशाओं से सजी कुछ अनुभूति है,
उसी की अभिव्यंजना है, उसी की यह लक्षणा है!
आनंदविहार का साधारण दृश्य,
पर चेहरे बहुत अनजान थे,
इंगित किया गया था मैं, कि थोड़ा संभल के,
ये दिल्ली है, यहां सफाई के उस्ताद थे,
हर पहर में कोलाहल था,
हर बात में हालाहल था,
मौसम की भृकुटी ऊपर नीचे, आशंकित समय का चाल था,
गलियों, कूचों में जब कदम पड़े, तो हाल बड़ा बेहाल था,
मरघट में जैसे लड़ते मरते, गला काट स्पर्धा में,
कल की सुध की बेचैनी में पाठक हुए न काम के!
"ध्येय", "दृष्टि", और "विजन" लिए, माथे की लकीर लिए,
कर्म पल्लवन रुझान समर्पण, साधना को अभिषिक्त किए,
फिर एक नज़ारा बाहर का जब जब मैंने देखा,
पश्चिम की बू, संस्कृतियों का उपहास उड़ा मैंने देखा,
लिंग भेद बेकाबू थे, कृत्यों में अंतर न मैंने देखा,
समय की झट पट सूई बढ़ती, उसी त्वरित से भागा मैनें,
मंदिर, कब्रों की अनुशंसा में, गुरुद्वारे की मंशा में मैं,
सी०पी० के अभिजन पथ पर, या हनुमान के द्वार खड़ा मैं,
मौर्य महान का लौह स्तंभ, मध्य हिंद की मीनारों में मैं,
जैन की महिमा गाने में मैं, या आदिशक्ति की भक्ति में मैं,
जैनधर्म के शांति पगों में या हरि के गुंजनगान में मैं,
शीशमहल वाली मानव दुर्लभता, या सर्वदेशी के आलोक में मैं,
दिल्ली दिल पर राज कर गई, रंग भर गई धानी देखा,
हृदय तो जीती जब दुनिया को दिल्ली तक आते देखा,
खुद को हतप्रभ होते देखा, पर!
पश्चिम की चपेट में लिपटा, और संवेदना मरते देखा,
कहीं कहीं मर्यादा देखी तो कहीं निर्दयता भी देखी,
भिक्षामी देही से विवशता की विक्षुब्ध कालिमा भी देखी,
अनिश्चितता के बादल देखे, शम दम वक्र गणित देखा,
संबंधों को मरते देखा, संबंधों में मरते देखा,
विपरीत ध्रुवों पर टिकी मनुजता के आलिंगन को देखा,
कोटि कोटि आघातों में भी सपने को बुनते देखा,
स्वार्थपरकता भी देखा, कुछ तार तार होते देखा,
सरकारों के मेले में, संविधान के खरपच्छे देखा,
साहित्य जगत का उपवन देखा, रचना कालजयी देखा,
वर्तमान मूक न था, अनभिज्ञ न था, अपुरूषार्थ न था,
पुरुषार्थ की वेदी पर संघर्ष हुए होते देखा,
साक्ष रूप में मानव को बड़े बड़ों से लड़ते देखा,
अधिकार अनिल सी बहा करे, इस बात को होते भी देखा,
सामाजिक बुनकर देखा, तो वर्चस्व, नियंत्रण भी देखा,
भद्र इकाई भी देखा, अभद्र दहाई भी देखा,
सूट
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