
Share0 Bookmarks 36 Reads1 Likes
वक्त की आवाज है
गले तुम मिला चलो,
"सेवईयां" गर मिले तुम्हें
तुम "गुजिया" लिए चलो
धर्म की चाल में
न चालबाज तुम बनो,
राजनीति जाल है
ना जंजाल में पड़ो,
अंधेरी रात है, ना सूर्य का भी साथ है
सफर है बड़ा, सिंह सामने खड़ा,
लो प्यार की मशाल
उसे तुम जला चलो,
वक्त की आवाज है
गले तुम मिला चलो,
**विष्णु मिश्रा**
यहां "सेवईयां" से 'ईद' और "गुजिया" से 'होली' का मतलब है l
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments