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मानवी अकांक्षा

vishalmaurya904944vishalmaurya904944 February 2, 2023
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मानवी अकांक्षा!


मानव तुमने जो पाया,

वह कम पाया।

थोड़ा-बहुत जमी और,

क्या पाया।

नूतन-नूतन खोज तुमने

कर के दिखलाया

जा कर आया चंद्रलोक से

मंगलयान भी न बचपाया

धरा को उलटा

अद्रि, द्रुम, जीवों तक मे

परिवर्तन तुमने कर डाला

अब न जाने कब तक

बची रहेगी यह नंदन काया

मानव तुमने जो पाया

वह कम पाया।


#मानवीअकांक्षा

#विशालसिंहमौर्य

~विशाल सिंह मौर्य

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