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कागज और कलम!
कागज और कलम पर
किसी की उम्मीदें टीकी हुई हैं
किसी की लेखन
किसी की नौकरियां
किसी की स्मृतियां टीकी हुई हैं।
ये चिकनी मखमली कागज
और ये सुडौल कलम
किसी की भविष्य की रेखाऐं लिखती हैं
पल मे पलट देतीं हैं
किसी के सतविचार और
वर्तमान से आदि की कथाऐं लिखती हैं
किसी के अल्फाजों को
ये सजोयें रखती हैं कागज!
अति जटिल और रहस्यमयी विश्व
की घटनाओं को ये दबायें रखती हैं
कागज और कलम पर
किसी के मन
और किसी के कल की
उम्मीदें टीकी हुई हैं।
#कागजऔरकलम
#विशालसिंहमौर्य
~विशाल सिंह मौर्य
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