न लिये जाम था's image
Poetry1 min read

न लिये जाम था

Vishal YadavVishal Yadav November 30, 2022
Share0 Bookmarks 30731 Reads0 Likes

महफ़िल में ऐ दोस्त दिल को मिला
तभी आराम था
जब मुहब्बत से तेरी निगाहों का आया
इधर पैगाम था।

शोर था  शबाब था वहां शराब
का इंतज़ाम था
बस आपके ही इस तरफ देखने
भर का काम था।

जूनून सा छाया था मुझ पर इस जी
को क्या आराम था
बहका सा फिर रहा था मैं न लिए
कोई जाम था।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts