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कयामत या बेवफ़ाई

Vishal YadavVishal Yadav November 30, 2022
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किसी शामत का डर
    नहीं है मुझको
मैं तो तेरी उस रुस्बाई
      से डरता हूँ।

किसी ईमारत की ख्वाइश
     नहीं है मुझको
मैं तेरे इस ताज-ए-हुस्न
     पे मरता हूँ।

किसी इबादत की जरूरत
      नहीं ह

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