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एक सन्नाटा-सा दिल में पसरा है।
वो शख्स कल ही मुझसे बिछडा है।
जाना उसका घाव कर गया सीने में,
दिल मेरा कितने टुकड़ों में बिखरा हैं।।
हाथ तो थामा था कसकर मैंने उसका,
फिर कैसे वो हाथों से हाथ फिसला हैं।
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