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हवाओं ने इल्तिजा की है

Vishal ShandilyaVishal Shandilya March 22, 2023
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पुराने को रूखसत, नयी वफ़ा की है।

हमने कुछ पत्तियां तुमसे जुदा की है।


झड़ गये फूल, बीज मिट्टी में गिरा है।

सजा नहीं , हमने तुमको दुआ दी है।


टहनियों से अब निकलेंगी कोंपलें नई।

गिरे बीजों से पौधे नए निकल आयेंगे।


पत्तियां भी नई होगी फूल नये आएंगे।

बदलो तुम, हवाओं ने इल्तिजा की है।


पुराने को रूखसत, नयी वफ़ा की है।

हमने कुछ पत्तियां तुमसे जुदा की है।

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