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वो दिन भूले नहीं भूले
जब सांसे
बेवफा हो गई थी
सरकारें दिखती थी जागी सी
मगर सो गईं थी
वो दिन भूले नहीं भूले
अपने ही देश में जब गरीब
बेबसी से ताकता था
भूखा था पेट सामने मौत
घर का ना कोई रास्ता था
वो दिन भूले नहीं भूले
जब बच्चा एक छोटा
सूटकेश पर सोया था
मां मर गई पैदल चलते चलते
लाल छाती से लिपट कर रोया था
वो दिन भूले नहीं भूले
जब शव गंगा में दबाए थे
रो रही थी गंगा मैया
नेता कफन भी नोंच लाए थे
वो दिन भूले नहीं भूले
वो दिन भूले नहीं भूले ।
डॉ. विनोद कुमार
10/11/2021
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