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मुझे उससे , है कोई शिकायत नही
जब उसे , है मुझसे मोहब्बत नही
वो अपने वादों को भूल गयी
लेकिन मुझे ऐसी चाहत नही
बिछड़ जाते वक़्त बोली अलविदा
मुझमे खुदा हाफिज कहने की हिम्मत नही
शाम इसारा करती सुबह आने की
पर मुझे उस सुबह की की जरूरत नही
जो रुख़सत हो गयी छोड़ कर मुझे
उनसे हमे मिलने की भी जरूरत नही
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