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ए ज़माना से बात न छुपावल करा
हमर नाम के गोदना गोदवावल करा
भूल गइनी चाउमिन त का हो गइल
बाते बाते ना मुह तू फुलावल करा
ओढ़नी से न झापल करा चांद के
रूप मिलल बा त इहके दिखावल करा
हम त बानी नादान हम ना जानी ई सब
मोहब्बत के ककहरा सिखावल करा
चूल्हा चौका बर्तन कुल्ही हम देख लेब
साथे हमरा भी कुछ पल बितावल करा
लोग अतना बा ओमे तू भिड़ी आके
बिजुरी दिल पे ना अईसे गिलावल करा
~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar
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