Love PoetryPoetry1 min read
किसी दिन (Vinit Singh Shayar, Vinit Singh's Shayari/Poetry)
January 16, 2022Share0 Bookmarks 47207 Reads0 Likes
सरेआम हक़ उन पे जताना है किसी दिन
उनको यह बात बताना है किसी दिन
ऑंखों के इशारे तो हम ने देखे हैं बहुत
हिजाब चेहरे से हटाना है किसी दिन
"इक आप ही नहीं इस दिल में और भी हैं"
बात ये कह कह के सताना है किसी दिन
साँस ये रहती है जब तक आप ही के हैं
फिर हाथ छुड़ा कर चलें जान
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments