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Azab ka hal tere maznu ne bana rakkha hai By Vinit Singh Shayar
January 12, 2023Share0 Bookmarks 46840 Reads0 Likes
तेरे मिलने के सपने दिल में सजा रक्खा है
अज़ब सा हाल तेरे मजनू ने बना रक्खा है
तेरी उम्मीद में जीता है इस तरह से कि
काँटे सब चुन कर रास्तों से हटा रक्खा है
उसकी महफ़िल से भीग कर मैं भी लौट आया
उसने ज़ुल्फ़ो में अपने बंद घटा रक्खा है
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