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Romantic PoetryPoetry1 min read

तुम्हे मुझ पर यक़ीन हो

Dr Viney Lohchab, PhDDr Viney Lohchab, PhD June 4, 2022
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मैंने अक्सर पुरुष को

स्त्री के आगे चलता देखा है

शायद पुरुष इसीलिए

इतना खुल कर चलता है

क्योंकि उसे यक़ीन है

अगर वो गिरेगा 

तो उसे संभालने के लिए

एक स्त्री उसके पीछे है।

मगर मैं फिर भी तुम्हारे पीछे चलूंगा,

क्योंकि मैं चाहता हूँ

कि तुम खुल कर चलो

और तुम्हे मुझ पर यक़ीन हो।

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