Share0 Bookmarks 31032 Reads1 Likes
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून)
सन 1972 में जब संयुक्त राष्ट्र ने विश्व पर्यावरण दिवस मानाने की घोषणा की थी तब उन्होंने आज के समय की पर्यावरण की स्थिति को पहले ही भांप लिया होगा | सन 1972 से आज की परिस्थिति को देखा जाये तो आज हर दिन पर्यावरण दिवस मानाने की जरुरत है| दिन प्रतिदिन ख़राब होते पर्यावरण को सुधारने के लिए सिर्फ 5 जून का दिन ही पर्याप्त नही है| पर्यावरण के विषय में चिंता करने के लिए प्रतिदिन और प्रत्येक व्यक्ति को गंभीरता से सोचने की जरूरत है| आज हम अपनी सुख सुविधाओं में लगातार वृद्धि करने के कारण उससे पर्यावरण में होने वाले नुक्सान को नजरंदाज करते जा रहे है| पर्यावरण के प्रति हमारी उदासीनता से हमारी आने वाली पीढ़ी गंभीर परिणाम भुगतेगी यह तो तय है|
बढती आबादी और औद्योगीकरण के दौर में अंधाधुंध पेधों के कटाई और नए वृक्षों के रोपण में कमी के कारण पर्यावरण में असंतुलन पैदा हो रहा है जिससे ग्लोबल वार्मिंग मौसम चक्र में बदलाव की गंभीर स्थिति बनती जा रही है| इस असंतुलन क लिए हम सभी बराबर के जिम्मेदार है| वातानुकूलित कोठियों,ऑफिस में बैठने वाला अमीर वर्ग जितना ही जिम्मेदार गाँव में रहने वाला वो व्यक्त
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments