कलम's image
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जैसे कलम अनकहे एहसासों को चौराहे पर लाती है,

ना जुबान,ना आवाज फिर भी उधम मचाती है।

बिलकुल इसी तरह,

तेरा लहजा,तेरी बातें यू रूह तक जाती है,

ना चेहरा,ना मुस्कान,तेरी सादगी तो कहर मचाती है।


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