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तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो
मैं तुझे देखकर मुस्कुराता रहूँ
तुम प्रेम की गली में खड़ जो रहो
मैं सरे-शाम आता जाता रहूँ
तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो...
तुम गीत प्रेम की जो सुनाती रहो
मैं हो बेखबर बस सुनता ही रहूँ
तुम प्रीत प्रेम की जो बरसाती रहो
मैं दीवानगी में बस नहाता रहूँ
तुम मुझे देखकर मुस्कुराती रहो...
तुम ख्वाब
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