संसार-सागर's image
Share0 Bookmarks 195621 Reads0 Likes

शनिदेव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः 


ॐ हं पवननन्दनाय स्वाहा।' हनुमानजी के दर्शन सुलभ होते हैं, 


 “ गुरू बिनु ऐसी कौन करै-माला-तिलक मनोहर बाना,लै सिर छत्र धरै। भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरै-सूर स्याम गुरू ऐसौ समरथ, छिन मैं ले उधरे।


“ सूरदास जी कहते हैं कि चेलों पर गुरू के बिना ऐसी कृपा कौ

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts