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ऊं बृं बृहस्पतये नम:
“बूझत स्याम कौन तू गोरी-कहां रहति काकी है बेटी देखी नहीं कहूं ब्रज खोरी॥
काहे को हम ब्रजतन आवतिं खेलति रहहिं आपनी पौरी-सुनत रहति स्त्रवननि नंद ढोटा करत फिरत माखन दधि चोरी॥
तुम्हरो कहा चोरि हम लैहैं खेलन चलौ संग मिलि जोरी-सूरदास प्रभु रसिक सिरोमनि बातनि भुरइ राधिका भोरी॥ “
जब श्री कृष्ण पहली बार राधा जी से मिले, तो उन्होंने राधा जी से पूछा,
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