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नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, असुर रक्तबीज का संहार करने के लिए कालरात्रि का जन्म हुआ था-संकटों से सुरक्षा प्रदान करती है मां कालरात्रि, कर्मों के शुभ फल देती हैं ।
मां कालरात्रि का स्वरूप तेज और यश से परिपूर्ण है। उनका स्वरूप बहुत भयंकर माना जाता है लेकिन उनका ह्रदय पुष्प के समान कोमल है। मां कालरात्रि मां दुर्गा का सातवां स्वरूप मानी गई हैं जिनकी पूजा नवरात्र के सातवें दिन यानी महासप्तमी पर होती है। मां कालरात्रि की शक्ति से भूत-प्रेत और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। पुराणों में मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा
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