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हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता॥
प्रभु श्री राम भी अंनत हैं और उनकी कीर्ति भी अपरम्पार है,इसका कोई अंत नही है। बहुत सारे संतो ने प्रभु की कीर्ति का अलग अलग वर्णन किया है*|| जय श्री राम ||*
मधुबन खुशबू देता है-सागर सावन देता है-जीना उसका जीना है-जो औरों को जीवन देता है,मधुबन खुशबू देता है...
सूरज न बन पाए तो -बन के दीपक जलता चल-फूल मिले या अँगारे-सच की राहों पे चलता चल-प्यार दिलों को देता है-अश्कों को दामन देता है-जीना उसका जीना है-जो औरों को जीवन देता है,मधुबन खुशबू देता है...
चलती है लहरा के पवन-के साँस सभी की चलती रहे-लोगों ने त्याग दिये जीवन-के प्रीत दिलों में पलती रहे-दिल वो दिल है जो औरों को अपनी धड़कन देता है-जीना उसका जीना है,-जो औरों को जीवन देता है,मधुबन खुशबू देता है...
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