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शनि देव जी का गायत्री मंत्र - ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।


असाध्य रोगों के लिए मंत्र-ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।'

 

“मुखहिं बजावत बेनु धनि यह बृंदावन की रेनु-नंदकिसोर चरावत गैयां मुखहिं बजावत बेनु॥

मनमोहन को ध्यान धरै जिय अति सुख पावत चैन-चलत कहां मन बस पुरातन जहां कछु लेन न देनु॥

इहां रहहु जहं जूठन पावहु ब्रज बासिनि के ऐनु-सूरदास ह्यां की सरवरि नहिं कल्पबृच्छ सुरधेनु॥ “


सू

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