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गुमला, झारखंड के दोस्त के नाम पत्र

Vikas GondVikas Gond March 10, 2023
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ये गीत उत्सव के गीत है

बसंत के आने का उत्सव

पलाश के फूलों से पूरा जंगल के रंग जाने का उत्सव

महुआ के चुने का उत्सव

कोयल के गीत का उत्सव

बनबेला के महक उठने का उत्सव

बीहड़ बन चुके पहाड़ पर बसंत आने का उत्सव

मेरी दोस्त तुम इन जंगलों से बाहर अगर आना चाहती हो

तो मत आना,

यहां सिर्फ कारखानों से निकलते धुएं और गाड़ियों के पी पी की आवाज

जंगल में गाती कोयल के आवाज जैसी नही होगी,

गाड़ी के साइलेंसर से निकलता धुआं

तुम्हारे पलाश के फूलों को

ले लेगा अपनी आगोश में

तुम दादी के साथ शिकार करते हुए

बहुत ख़ूबसूरत लगती हो

इन्ही किसी जंगल के बीच

मैं चाहता हूं तुम अमलताश के फूलों को

बचा के रखो

इनको बचाना दुनिया को बचाने जैसा है।


© विकास गोंड

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