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यहीं आखिरी रात है
यही आख़िरी बात है
अब नही होगा पहले जैसा कुछ भी
इससे पहले कि कोई आ जाए
एक बार गले लगने की इजाजत दे दो
तुम्हारे सीने से लग के महसूस करूंगी
आखिरी बार गले लगने पर
कैसा लगता है
शायद ठीक वैसे ही
जैसे नाइटिंगल की आवाज
जॉन किट्स को लगी
या फिर शकुंतला की आवाज
दुष्यंत को
जैसे शाफिया की आवाज
जानिसार अख़्तर को
तुम मेरे लिए नाइटिंगल हो
दुष्यंत हो
और थोड़ा बहुत जानिसार ।
© विकास गोंड
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