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गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा

Vikas BansalVikas Bansal December 27, 2021
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गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा, 

बस कुछ देर और …..

कम हो रहे हैं मोती माला में से, 

उतनी की उतनी हैं उम्र की डोर…


आस पास बहुत थे चेहरे साथ 

कुछ रहे कुछ के छूट गए हाथ 

यादों का पंछी करता है बहुत शोर 

गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा, 

बस कुछ देर और …..


ठंड हैं बहुत रिश्ते ठिठुर रहें हैं 

कोशिश करते बहुत बिखर रहें हैं 

धुँध है बहुत दिखता नहीं छोर 

गुज़र जाएगा, गुज़र जाएगा, 

बस कुछ देर और …..


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