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किस पर किसका असर है ये
सँभलो काँटों का सफ़र है ये
करना न भरोसा, विश्वास तुम
झूठों के झूठे वादों का सफ़र है ये
कब कौन अपना काट लें तुम्हें
आस्तीन के सांपों का सफ़र है ये
दिल न लगाना दिमाग़ के खेल में
कुछ ज़िन्दा लाशों का सफ़र है ये
शुरुआत है नाटक और होंगे अभी
रोज़ नए तमाशों का सफ़र
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