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इतना ख्याल ,,,
इल्ज़ाम-ए-आम होने का
यूँ जर्रा-जर्रा खाक
मुझे ना किया होता
काश!
कुछ ख्याल तुमने
मेरा किया होता..!
इतनी बेरुखी
तुमने ना की होती
यूं बेज़ार,,,
मुझे ना किया होता
इल्ज़ाम-ए-आम होने का
यूँ जर्रा-जर्रा खाक
मुझे ना किया होता
काश!
कुछ ख्याल तुमने
मेरा किया होता..!
इतनी बेरुखी
तुमने ना की होती
यूं बेज़ार,,,
मुझे ना किया होता
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