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*वह मैं हूँ*
सात घोड़ों से सजे रथ पर
शीतलता प्रदान करने का भ्रम पाले
निकलता है नम्रता से झुका!
सर पर चढ़कर करता तांडव
पी जाता है कतरा-कतरा लहु का!
वह तुम हो!
दादी अम्मा ने बताया
शीतलता प्रदान करते हुए
चरखा काटती रात भर
सतत क्रियाशील!
जो बूढ़ी बैठी चाँद पर!
वह मैं हूँ!
~विद्रोही
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