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कोई नहीं रहा जब संग मैं साथ रहा हरदम,
नफ़रत वालों, मुझको मुझसे प्यार रहा हरदम।
मुझसे मैंने दुनियाभर की बाते की,
ख़ुद ही ख़ुद के दुनिया का मे'यार रहा हरदम।
यहाँ वहाँ जब टूटा मैं फ़िर ख़्वाब बुना मैंने,
ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाबों में ऐयार रहा हरदम।
नींद नहीं जब आयी मुझको, गीत लिखा मैंने,
ख़ुद ही ख़ुद के गीतों में श्रृंगार रहा हरदम।
नफ़रत वालों, मुझको मुझसे प्यार रहा हरदम..
- विक्की आनंद (कैप्टेन)
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