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तुम्हारी यादें
उतरे हुए कपड़ों को समेट का रख रहा हूँ
कुछ तो फटे हैं पर,
ज्यादातर मैंने संभाल कर रखे हैं,
हर कपड़ा अलग है
कलाकारी, काल के लिहाज़ से
पर तुम्हारी खुशबू आज भी
मौजूद उसी जज्बात से।
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