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मैं घाट बनारस कहलाऊ!!

Vibha PathakVibha Pathak January 26, 2023
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भोलेनाथ का उच्चारण हो
अंतकाल में लीन हो जाऊं
हरिद्वार में मिले मुक्ति
और मैं काशी में विलीन हो जाऊं।।


जीने की अवधि पूरी करके 
बस गंगा किनारे सो जाऊं।।
 
जिसको कोई छू ना पाए
वो जली चिता मैं हो जाऊं।।

रग रग में जहां शिव बसे है
वो घाट बनारस मैं कहलाऊं ।।

कि भोरे भोरे अरघ देने 
वो अस्सीघाट मैं बन जाऊं,
थाल, कपूर, शंख, मृदंग 
वो महाआरती मैं कहलाऊं।।

हर हर महादेव का हो गूंज 
कि प्रलय को मैं टरकाऊं, 

गंगा की प्रवाह के साथ 
मैं घाट बनारस कहलाऊं
मैं घाट बनारस कहलाऊं।। विभा पाठक

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