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शाम ढलते ही फूल
भी थक कर सो जाते हैं,
सूरज की पहली किरण के
साथ ही फिर जग जाते हैं,
जीवन, मरण, जन्मदिन, विवाह,
सालगिरह, त्यौंहार और उत्सव में
सजने के लिए ये फूल खिल कर
देखो रोज़ तैयार भी हो जाते हैं।
©️Vibha Jain
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