Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
अंधेरों के अतीत के गहन गहनों के
गहराइयों के तल में
खोज - खोज बाहों में भरकर
किसे पाता है.... कभी जाना है !
कौन कहते हैं वो शरीर मेरा है ?
बताता हूँ आज !
विपरीत शरीर पाने के लिए ही जीते हैं
सिर्फ अर्थ के कटोराधारी वो भिखारी हैं
किंतु अमीरीजादी है।
सब इसी के दीवाने हैं
चाहे वह महफिल के हुस्न को लूटाएं हो
या दीन से छीन लाएं हो।
फिर वह कोठरी में बिताते हैं
जहां सिर्फ दो विपरीत देह
अर्थ के लिए बोली भाव में बिकते हैं
और पाने वाले बड़े चाव से पाते हैं।
बेपर्द थे किंतु उघाड़े हुए
चल रहे हो जैसे मानो
पूरा अलग - अलग शरीरों का झुंड
ये दृश्य
गहराइयों के तल में
खोज - खोज बाहों में भरकर
किसे पाता है.... कभी जाना है !
कौन कहते हैं वो शरीर मेरा है ?
बताता हूँ आज !
विपरीत शरीर पाने के लिए ही जीते हैं
सिर्फ अर्थ के कटोराधारी वो भिखारी हैं
किंतु अमीरीजादी है।
सब इसी के दीवाने हैं
चाहे वह महफिल के हुस्न को लूटाएं हो
या दीन से छीन लाएं हो।
फिर वह कोठरी में बिताते हैं
जहां सिर्फ दो विपरीत देह
अर्थ के लिए बोली भाव में बिकते हैं
और पाने वाले बड़े चाव से पाते हैं।
बेपर्द थे किंतु उघाड़े हुए
चल रहे हो जैसे मानो
पूरा अलग - अलग शरीरों का झुंड
ये दृश्य
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments