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मेरा साक्षात्कार (2021)

Varun Chaudhary antrikshVarun Chaudhary antriksh February 28, 2023
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आगरा उत्तर प्रदेश के जाने माने कवि, लेखक एवं भूतपूर्व फ्लाइट लेफ्टिनेंट डॉ वरुण चौधरी अंतरिक्ष से स्वर्णिम साहित्य की वार्तालाप -

प्रश्न 1. अपने बारे में सविस्तार बताइए ।
उत्तर 1. मैं पेशे से एक फिजीशियन (एम.डी. मेडिसिन) हूं और फिलहाल उत्तरप्रदेश प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। इससे पहले मैं भारतीय वायुसेना में फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर पोस्टेड था। मैं आज भी स्वयं को भारतीय फौज में सम्मिलित महसूस करता हूं। वायुसेना में जाने से पूर्व मैंने गौरवशाली किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस अध्ययन किया है। 
मैं 27वें और 28वें राज्यस्तरीय विज्ञान मेला में राजस्थान के भरतपुर जिले का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं। वहां मेरे विचारों और पत्रवाचन को खूब सराहा गया था। चिकित्सकीय कार्यों से समय मिलने पर मैं कवितायें और लेख लिखता हूं। 

प्रश्न 2. आपको पहली बार कब एहसास हुआ कि आप रचनाकार बनना चाहते हैं?
उत्तर 2. काव्यप्रेम और साहित्य लेखन के बीज मेरे जेहन में बचपन से ही अंकुरित हो गये। लेकिन मेरे साथ डॉक्टर बनने की दृढ़ इच्छाशक्ति थी। इसलिए मैंने शुरुआत में काव्यप्रेम को केवल अपनी रुचि ही समझा। कॉलेज में मेरी कविता को मिसेज वाइस चांसलर द्वारा प्रथम पुरस्कार भी दिया गया। 
सरकारी सेवा के दौरान 2013 में मेरी पोस्टिंग प्रयागराज कुम्भमेला में थी। उस दौरान मेरी वाइफ जब भी फोन करती तो वह मुझे कुम्भमेला के अनुभवों को डायरी में लिखने के लिये हमेशा प्रोत्साहित करती थी। अगले वर्ष अपने यात्रा वृतान्त को 184 पेज की एक पुस्तक "कुम्भमेला- एक  डॉक्टर की यात्रा" के रूप में प्रकाशित करवाया तो साहित्य की दुनिया में दहलीज के बाहर यह मेरा पहला कदम था। जब मुझे सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलना शुरू हुईं तो मैं लेखनी के क्षेत्र में मुकाम हासिल करने के लिए आश्वस्त हो गया। 

प्रश्न 3. आप अपने कुछ सुन्दर अनुभव बताएँ ।
उत्तर 3. मैंने मेडिकल कॉलेज के वार्षिकोत्सव के स्टेज पर स्वरचित कविता 'उजालों में' सुनायी थी। वहां मौजूद श्रोताओं ने खुशी से सराबोर होकर खूब तालियां बजायीं। इसके लिए मेरी कविता को मिसेज वाइसचांसलर ने प्रथम पुरस्कार दिया था। 
मेरी पुस्तक 'कुम्भमेला- एक डॉक्टर की यात्रा' को तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव जी ने भी सम्मानित किया। मेरी पुस्तक के कई पाठकों ने मेरी लेखनी की प्रशंसा करने के लिए मुझे फोन किया तो यह मेरे लिए यादगार लम्हे थे। मैं 2019 में पुनः प्रयागराज कुम्भमेला गया। वहां मैंने मेला के पुलिस अधीक्षक महोदय (एसएसपी सर) और चिकित्सा शिक्षामंत्री महोदय को अपनी पुस्तक भेंट की। अच्छा लगता है जब सभी मेरी लेखनी की तारीफ करते हैं।

मैं पंजाब में वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी घूमने गया था। यह मेरी जिन्दगी के यादगार अनुभव में शामिल है। मेरी व्यक्तिगत जिन्दगी की बातें साक्षात्कार को वृहद और उबाऊ न बना दें इसलिए मैं अभी इस बारे में अधिक बातें नहीं करूंगा।

प्रश्न 4. आपको अपनी रचनाओं के लिए विचार कहां से मिलते हैं ?
उत्तर 4. मेरी रचनायें वास्तविक चरित्रों और मानवीय संवेदनाओं से सरोकार रखती हैं। आप यह भी कह सकते हैं कि मैं अपने जज्बातों का हिंदी अनुवादक हूं।

प्रश्न 5. आपने अपनी पहली पुस्तक कब लिखी ?
उत्तर 5. मेरी पहली पुस्तक 'कुम्भ मेला- एक डॉक्टर की यात्रा' सन 2014 में प्रकाशित हुई थी जोकि प्रयागराज कुम्भमेला 2013 पर आधारित है। मैं कुछ कविताएं भी लिख चुका हूं जिनमें 'वो हर जुबान की खबर हो जाते हैं' और 'हौसला' प्रमुख हैं।

प्रश्न 6. आप किस समय लिखना पसंद करते हैं ?
उत्तर 6. मैं दिन के किसी भी वक्त लिखता हूं। लेकिन उत्कृष्ट साहित्य लेखन के लिए शांत वातावरण और खाली समय महत्वपूर्ण जरूरतें हैं। 

प्रश्न 7. आपको लिखने के अलावा और क्या क्या पसंद ?
उत्तर 7. मुझे लिखने के अलावा अखबार पढ़ना, क्रिकेट खेलना, शतरंज खेलना, रेखाचित्र बनाना, कविता सुनने और टेलीविजन देखने का शौक है। 

प्रश्न 8. एक रचनाकार की रूप में लोगों की आपके प्रति क्या प्रतिक्रिया रहती है ?
उत्तर 8. आजकल की जिन्दगी में कवितायें या लेख पढ़ना बहुत कम लोगों की प्राथमिकता में शामिल है। इसलिए सभी परिचितों की प्रतिक्रिया मिलना जरूरी नहीं है। लेकिन इसका एक अच्छा पहलू भी है। मुझे जितनी भी प्रतिक्रियाएं मिलती है वह लगभग सभी सकारात्मक होती हैं। 

प्रश्न 9. आपके पसंदीदा लेखक/लेखिका और कवि/कवयित्री कौन हैं ?
उत्तर 9. मैंने मुख्यतः आधुनिक रचनाकारों को ही पढ़ा और सुना है जिनमें से गुलजार साहब, कुमार विश्वास, शैलेश लोढ़ा जैसे नाम प्रमुख हैं। 

प्रश्न 10. नये नये लिखने वालों के लिए क्या संदेश देना चाहतें हैं ?
उत्तर 10. लिखते समय अपने विचार के सभी पहलुओं को समझें और स्वयं के लिए ईमानदार रहें। निष्पक्ष लेखनी वर्तमान प्रसंगों और संवेदनाओं के शोधपत्र की तरह है। अच्छी कविता मानवीय अहसासों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करती है।

मैं साथ ही स्वर्णिम कविता समूह को सुझाव देना चाहूंगा कि आप समय-समय पर ऐसे कवि सम्मेलन आयोजित करें जहां केवल उभरते हुए नए कवियों को आमंत्रित किया जाये।

डॉ वरुण चौधरी (अंतरिक्ष)
आगरा, उत्तरप्रदेश

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