नेह के नाते's image
Share0 Bookmarks 32 Reads0 Likes
मुझसे तुमने नेह के नाते
तोड़ दिए क्यों ठाकुर जी

जबसे तुमने गोकुल छोड़ा
मथुरा में तुम जाए बसे
तबसे सूखी मेरी काया 
जनमानस भी मुझपे हँसे
आने की थी आश बँधाई
कब आओगे ठाकुर जी

मुझसे तुमने नेह के नाते
तोड़ दिए क्यों ठाकुर जी

लगन लगी है एक तुम्हारी
घर आँगन कुछ सूझे न
पूछ रही हूँ कितने सवाल

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts