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मुझे राम चाहिए
राम के सिवा कुछ नहीं...
वही राम जो
चल दिए थे
महर्षि विश्वामित्र के साथ...
मिटाने उनका संताप,
यज्ञ रक्षा के लिए...
मुझे राम चाहिए
जिन्होंने किया धनुष भंग,
ब्याही सिया जिनके संंग...
मुझे राम चाहिए
तपस्वियों-सा वेष बना जो,
चले करने पूरा
पिता का वचन,
वन-वन,
मुझे राम चाहिए
जो हैंं अतुलनीय सुंदर,
कौशल्या नंंदन,
करते हैं गमन,
जनमानस के मन...
मुझे राम चाहिए
जो हैंं सत्य में,सौहार्द मेंं,
युगों की प्रतीक्षा में...
मुझे राम चाहिए
राम के सिवा कुछ नहीं...
राम के सिवा कुछ नहीं...
वही राम जो
चल दिए थे
महर्षि विश्वामित्र के साथ...
मिटाने उनका संताप,
यज्ञ रक्षा के लिए...
मुझे राम चाहिए
जिन्होंने किया धनुष भंग,
ब्याही सिया जिनके संंग...
मुझे राम चाहिए
तपस्वियों-सा वेष बना जो,
चले करने पूरा
पिता का वचन,
वन-वन,
मुझे राम चाहिए
जो हैंं अतुलनीय सुंदर,
कौशल्या नंंदन,
करते हैं गमन,
जनमानस के मन...
मुझे राम चाहिए
जो हैंं सत्य में,सौहार्द मेंं,
युगों की प्रतीक्षा में...
मुझे राम चाहिए
राम के सिवा कुछ नहीं...
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